Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि कलश स्थापना की सही जानकारी , कुछ ख़ास बातो का जरूर रखे ध्यान
अपडेट करने की तारीख: 27 सित॰ 2024
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Shardiya Navratri 2024 शारदीय नवरात्रि 2023 में मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आयी थी जोकि बहुत ही शुभ माना गया था लेकिन इस बार मां दुर्गा डोली पर सवार होकर आएंगी | ज्योतिष के अनुसार, मां दुर्गा का डोली पर सवार होना अशुभ संकेत दे रहा है. यह प्राकृतिक आपदा, महामारी और देश में अस्थिरता का संकेत भी है |
Shardiya Navratri 2024 नवरात्री का हिन्दू धर्म में सर्वप्रमुख स्थान है , नवरात्रि हिन्दू धर्म का तो प्रमुख पर्व है ही अन्य धर्म के लोग भी इसे उत्साह से मनाते है | नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है 'नौ रातें'। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान,शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। दसवाँ दिन दशहरा के नाम से प्रसिद्ध है। वैसे तो नवरात्रि वर्ष में चार बार आता है 2 बार प्रमुख नवरात्री और 2 बार गुप्त नवरात्री | नवरात्रि के नौ रातों में तीन देवियों - महालक्ष्मी, महासरस्वती या सरस्वती और महाकाली के नौ स्वरुपों की पूजा होती है जिनके नाम और स्थान क्रमशः इस प्रकार है नन्दा देवी योगमाया (विंध्यवासिनी शक्तिपीठ), रक्तदंतिका (सथूर), माता शाकुम्भरी देवी सिद्धपीठ (सहारनपुर), दुर्गा( काशी), भीमा (पिंजौर) और भ्रामरी (भ्रमराम्बा शक्तिपीठ) नवदुर्गा कहते हैं। हिन्दू परम्परा में नवरात्रि का त्योहार, वर्ष में दो बार प्रमुख रूप से मनाया जाता है: 1. चैत्र मास में वासन्तिक नवरात्रि तथा 2. आश्विन मास में शारदीय नवरात्रि। शारदीय नवरात्रि के उपरान्त दशमी तिथि को विजयदशमी पर्व मनाया जाता है।
सनातन धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है, और मां दुर्गा की उपासना का यह पर्व भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है.
Shardiya Navratri 2024 3 अक्टूबर शुरू हो रही है नवरात्रि
नवरात्रि का पर्व काफी धूमधाम से मनाया जाता है, और लोग मां दुर्गा की प्रतिमाएं स्थापित करते हैं, गरबा और रामलीला के आयोजन भी किए जाते हैं. इस बार शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर 2024 से शुरू हो रही है और 12 अक्टूबर तक चलेगी |
Shardiya Navratri 2024 शारदीय नवरात्रि 2024 में कलश स्थापना कब और कैसे करे
नवरात्रि का पर्व माँ दुर्गा को समर्पित है | नवरात्रि में माँ दुर्गा के 9 अलग - अलग स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है | नवरात्रि में जो भक्त माँ भगवती की विधिवत पूजा अर्चना करते है माँ आदिशक्ति उनका कल्याण करती है और मनोकामनाएं पूर्ण करती है
Shardiya Navratri 2024 प्रतिपदा तिथि कब से कब तक
शारदीय नवरात्रि 2024 की प्रतिपदा तिथि 3 अक्टूबर 2024 मंगलवार को अर्धरात्रि 12 बजकर 18 मिनट से प्रारम्भ होगी और 4 अक्टूबर 2024 को रात 2 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी |
Shardiya Navratri 2024 कलश स्थापना या घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना या घट स्थापना की जाती है| शारदीय नवरात्रि 2024 का पहला दिन 3 अक्टूबर 2024 को है | कलश स्थापना या घट स्थापना का उत्तम समय 3 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 15 मिनट से 7 बजकर 22 मिनट तक रहेगा | कलश स्थापना की कुल अवधि 1 घंटा 06 मिनट की है | इसके अलावा, घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त में भी किया जा सकता है. अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक रहेगा, जिसके लिए 47 मिनट का समय मिलेगा |
Shardiya Navratri 2024 कलश स्थापना या घट स्थापना के लिए आवश्यक सामग्री
जौ बोने के लिए मिटटी का पात्र
साफ़ मिटटी
मिटटी का एक छोटा घड़ा
कलश को ढकने के लिए मिटटी का एक ढक्कन
गंगाजल
सुपारी
1 या २ रूपये का सिक्का
आम के पत्ते
अक्षत/ कच्चे चावल
मौली /कलावा /रक्षा सूत्र
जौ
इत्र
फूल माला /फूल
नारियल
लाल कपडा /लाल चुन्नी
दूर्वा घास
गाय का गोबर
Shardiya Navratri 2024 कलश स्थापना विधि
नवरात्रि में कलश स्थापना देवी - देवताओ के आवाहन से पूर्व की जाती है | कलश स्थापना करने से पूर्व आपको कलश तैयार करना होगा जिसकी सम्पूर्ण विधि इस प्रकार है -
कलश को उत्तर अथवा उत्तर पूर्व दिशा में रखें। जहां कलश बैठाना हो उस स्थान पर पहले गंगाजल के छींटे मारकर उस जगह को पवित्र कर लें। इस स्थान पर दो इंच तक मिट्टी में रेत और सप्तमृतिका मिलाकर एक सार बिछा लें। कलश पर स्वास्तिक चिह्न बनाएं और सिंदूर का टीक लगाएं। कलश के गले में मौली लपेटें।
शास्त्रों में बताया गया है कि शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन साधक सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान कर लें और विधिवत पूजा आरंभ करें। नवरात्रि के नौ दिनों के लिए अखंड ज्योति प्रज्वलित करें और कलश स्थापना के लिए सामग्री तैयार कर लें। कलश स्थापना के लिए एक मिट्टी के पात्र में या किसी शुद्ध थाली में मिट्टी और उसमें जौ के बीज दाल लें। इसके उपरांत तांबे के लोटे पर रोली से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं और उपरी भाग में मौली बांध लें।
इसके बाद लोटे में पानी भर लें और उसमें थोड़ा गंगाजल जरूर मिला लें। फिर कलश में दूब, अक्षत, सुपारी और रुपया रख दें। ऐसा करने के बाद आम या अशोक की छोटी टहनी कलश में रख दें। इसके बाद एक पानी वाला नारियल लें और उसपर लाल वस्त्र लपेटकर मौली बांध दें। फिर इस नारियल को कलश के बीच में रखें और पात्र के मध्य में कलश स्थापित कर दें। ऐसा करने के बाद दुर्गा चालीसा का पाठ करें और मां दुर्गा की आरती करें।
Shardiya Navratri 2024 शारदीय नवरात्रि की पूजा तिथियां
शारदीय नवरात्रि में देवी दुर्गा की पूजा और अलग-अलग रूपों की आराधना की जाती है. इस पूरे अवधि को नौ दिन के रूप में मनाया जाता है, और प्रतिदिन एक विशेष रूप की पूजा की जाती है. निम्नलिखित हैं इसके दिनों के रूप:
3 अक्टूबर 2024, गुरुवार मां शैलपुत्री (पहला दिन) प्रतिपदा तिथि
4 अक्टूबर 2024, शुक्रवार मां ब्रह्मचारिणी (दूसरा दिन) द्वितीया तिथि
5 अक्टूबर 2024, शनिवार मां चंद्रघंटा (तीसरा दिन) तृतीया तिथि
6 अक्टूबर 2024, रविवार मां कुष्मांडा (चौथा दिन) चतुर्थी तिथि
7 अक्टूबर 2024, सोमवार मां स्कंदमाता (पांचवा दिन) पंचमी तिथि
8 अक्टूबर 2024, मंगलवार मां कात्यायनी (छठा दिन) षष्ठी तिथि
9 अक्टूबर 2024, बुधवार मां कालरात्रि (सातवां दिन) सप्तमी तिथि
10 अक्टूबर 2024, गुरुवार मां महागौरी (आठवां दिन) दुर्गा अष्टमी
11 अक्टूबर 2024, शुक्रवार महानवमी, (नौवां दिन) शरद नवरात्र व्रत पारण
12 अक्टूबर 2024, शनिवार मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन, दशमी तिथि (दशहरा)
नवरात्रि के नौ दिन किस रंग के कपड़े पहनें ?
नवरात्रि के त्योहार में रंगों का भी विशेष महत्व होता है। इन नौ दिनों के लिए नौ अलग-अलग रंगों को चुना जाता है। अगर आप नौ दिनों तक इन रंगों को पहनते हैं और देवी मां की पूजा करते हैं तो यह आपको बेहद शुभ परिणाम देता है। आइए जानते हैं किस दिन कौन-सा रंग आपके लिए शुभ होगा?
पहले दिन- साल 2024 में नवरात्रि के पहले दिन आपको नारंगी रंग के कपड़े पहनने चाहिए। नारंगी रंग को पहन कर पूजा करने से आपको सकारात्मक ऊर्जा महसूस होगी।
दूसरे दिन- इस दिन सफ़ेद रंग के वस्त्र धारण करें। यह रंग आपको आत्मशांति और बेहतर महसूस करवाने में सहयोग करेगा।
तीसरे दिन- नवरात्रि के तीसरे दिन लाल रंग को दिनचर्या में जरूर शामिल करें। आप इस रंग का प्रयोग माता की पूजा के लिए भी कर सकते हैं क्योंकि लाल रंग माता को अतिप्रिय होता है।
चौथे दिन- गहरा नीला रंग नवरात्रि के चौथे दिन सबसे शुभ रहेगा। नीला रंग समृद्धि और शान्ति लाता है। इस रंग के वस्त्र पहनें और माता का ध्यान करें।
पांचवे दिन- पीले रंग के कपड़े पहनने से आप खुश और सकारात्मक महसूस कर सकते हैं। पीला एक नर्म और मन को खुशी देने वाला रंग है। यह आपका दिन अच्छा बनाएगा।
छठवें दिन- नवरात्रि के छठवें दिन हरा रंग पहनें। हरा रंग प्रकृति से जुड़ा होता है, यह सभी चीज़ों के फलदायी, शांतिपूर्ण और स्थिर होने का संकेत देता है। देवी की प्रार्थना करते समय हरा रंग पहनना, आपको शांति महसूस करवा सकता है।
सातवें दिन- इस दिन स्लेटी रंग पहनें। यह आपकी सोच को संतुलित करने में मदद करेगा। इसकी ऊर्जा से आप अधिक व्यावहारिक हो सकते हैं।
आठवें दिन- नवदुर्गा पूजा के दौरान आठवें दिन बैंगनी रंग का उपयोग करें। इससे आपको समृद्धि और सफलता प्राप्त हो सकती है। इसलिए, अगर आप देवी मां का आशीर्वाद चाहते हैं, तो यह रंग अवश्य चुनें।
नौवें दिन- नवरात्रि के नौवें दिन आपको मोर वाला हरा रंग पहनना चाहिए। यह हरे और नीले रंग से मिलकर बनता है। यह रंग समृद्धि से जुड़ा होता है।
डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
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